बचपन वो समय था जब राह मिले हर उस इंसान पर भरोसा में कर लेती थी, कही सुनी हर बात सच में मान लिया करती थी, फ्रुटी की तरह मुझे भी एक दिन सोनपरी मिल जाए ईस बात की तक उम्मीद थी मुझे, मुझे भी संजू वाली पेन्सिल मिल जाए , इसलिए सारी पेंसिल खरीदली थी मैंने, जो कि इतनी फिकी चलती थी, के इस्तेमाल करने के लायक भी न थी, पर दिल तो तब तुटा , जब उसमे से एकभी पेन्सिल असली ना निकली, कितने बार समोसे बनाये कागज पर, पर वे खाने के काम कभी न आये, बचपन वो समय था जब गलती से टरबुज के बीज निगले जाने पर कही पेट में पेड न उग जाये बस इसी डर में पूरा दिन बीत जाता था, खुदकाही बोझ संभालना मुश्किल था और दुनिया को बुराई से बचाना में चाहती थी, कभी पुलिस ,तोकभी पायलट , तो कभी टीचर बननामें चाहती थी, हर दिन एक ख्वाब नया में सजाती थी, बचपन वो समय था जब लगता था दसवी मे मेरीट आजानेसे मेरी पूरी जिंदगी सवर जाएगी. अब तो वो सारी मेहनत बस एक कागज का टुकड़ा बनकर पडी है फाईलों में. तब क्या पता था कि , असली परिक्षा तो जिंदगी दसवीं के बाद लेगी, जब राह आये हर उस इंसान पर भरोसा करोगे तो तुमको नया सबक
The day I found you Is the day I lost myself Trying to hold on to you Trying to read your empty eyes Trying to be much stronger to remain When I'll lose you It's isn't really me, but the my heart who chose you I know it isn't forever It would not go so far Everything is so uncertain, Everyone is craving for change, so you are!! But ist okay ,everything is so fine It's all fault of my messy heart Who never listen to me & It is no more mine But still I'm trying.............